Breaking
विराग मुनि की आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला से रायपुर शहरवासी लाभान्वित - Jinshashansandesh
December 23, 2024

Office Address

123/A, Miranda City Likaoli
Prikano, Dope

Phone Number

+0989 7876 9865 9

+(090) 8765 86543 85

Email Address

info@example.com

example.mail@hum.com

City Education Lifestyle

विराग मुनि की आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला से रायपुर शहरवासी लाभान्वित

 

5 जुलाई। जैन संत श्री विरागमुनि जी का रायपुर प्रवेश हो चुका है और वे जिनवाणी की वर्षा करते हुए शहर के श्रावक-श्राविकाओं को प्रभावित कर रहे हैं। जिनवाणी की वर्षा ऋतु के क्रम में शुक्रवार को दीर्घ तपस्वी श्री विरागमुनिजी के श्रीमुख से विवेकानंद नगर में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने प्रवचन का लाभ लिया। रायपुर शहर में चल रहे प्रवचन की श्रृंखला के दौरान उन्होंने कहा कि धर्म को सुनने से कल्याण हो रहा है। आज बच्चे मोबाइल में व्यस्त हैं और उन्हें मंदिर और उपाश्रय की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है।

आज के समय में केवल 50 से 55 की उम्र वाले ही धर्म करने आते हैं। आज हम बच्चों को धर्मस्थलों तक नहीं ला पा रहे हैं, क्योंकि ऐसा है कि हमने व्यवस्था नहीं बनाई है। हमें बचपन से ही बच्चों के अंदर यह बीज बोना है तब जाकर कुछ बात बनेगी। जबकि आज के समय में बच्चों और हमारे बीच एक गैप आता जा रहा है। यह गैप बहुत ही हानिकारक हो सकता है क्योंकि यह गैप कुछ दिनों का नहीं, कुछ सालों का नहीं है। यह पीढ़ी गैप है, एक-एक पीढ़ी का गैप हमारे बीच कितना स्पेस स्वतंत्र है, आप कभी सोच भी नहीं सकते।

मुनिजी ने आगे कहा कि आप कभी भी टीवी देखिये, किसी भी दिन अखबार पढ़कर ऐसी खबरें देखिये, जो आपको कहीं न कहीं दिख ही जाएंगी। ऐसा कौन सा रिश्ता है जो आज की तारीख में पवित्र है। केवल माँ और संतान का ही रिश्ता एक अद्भुत रिश्ता होता है जिसे आज भी तार-तार किया जा रहा है। आपने देखा होगा कि अबोर्शन तो अब बहुत ही सामान्य सी बात हो चुकी है, यहां तो बच्चे के जन्म के बाद भी उसे मार कर फेंक दिया जाता है। आज तो स्वार्थी पूरा नहीं हुआ है कि लोग एक दूसरे को भूल जाते हैं जैसे कि दूध में गिरी मक्खी। ऐसा कभी भी आपके साथ हो सकता है, जिस दिन वह सच्चा हो जाता है, उसे दिन आपको कोई एक गिलास पानी भी नहीं मांगना चाहिए। फिर भी आप मैं-मैं-मैं और मेरा-मेरा-मेरा का रट लगाए हुए हो, जबकि आपका आज कुछ भी नहीं है, आप खत्म यानी दुनिया खत्म। कुछ भी आपके साथ नहीं जाने वाला है तो फिर काहे का अहम्। आज हम भौतिक रूप से अच्छा काम तो कर रहे हैं पर आध्यात्मिक रूप से अच्छा करने का हमारे पास कोई लक्ष्य नहीं है। हम केवल स्वार्थ की खातिर ही कर्म किए जा रहे हैं।

मुनिजी कहते हैं कि आज कई ऐसे संत भी हैं जिन्होंने केवल एक बार धर्म को सुनकर वैराग्य जीवन में प्रवेश कर लिया है, लेकिन आपके कान में जू नहीं रेंग रही है। हर साल चातुर्मास आता है हर साल कहीं न कहीं धार्मिक आयोजन होते हैं, कथाएं होती हैं और आप वहां जाते हैं, उसके बाद भी आप में कोई दोष दिखाई नहीं देता है। जब-जब धार्मिक आयोजन होते हैं, तब-तब आपके मन में हर्ष और आनंद रहता है, लेकिन साथ में एक दुख भी रहता है कि जब तक यह धर्म का आयोजन चलता है, तब-तब हम अपने मन का कुछ खा नहीं पाएंगे। अब आप स्वयं ही सोचिए कि आपको कब यह भव पुनः मिलेगा, ऐसा मौका फिर कब मिलेगा कि आप मोक्ष को प्राप्त कर लो।

आत्मस्पर्शी चातुर्मास समिति 2024 के प्रचार प्रसार संयोजक ब्लूश गोलछा और तरुण कोचर ने बताया कि जिनवाणी की वर्षा ऋतु के क्रम में 06 और 07 जुलाई को विवेकानंद नगर में प्रातः 8.45 से 9.45 बजे मुनिश्री का प्रवचन होगा। आप सभी से निवेदन है जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ।

Share