Breaking
युवाचार्य भगवान के सानिध्य में ज्ञान की बरसात गुरु आनंद एवं गुरु सौभाग्य का हुआ गुणगान - Jinshashansandesh
December 23, 2024

Office Address

123/A, Miranda City Likaoli
Prikano, Dope

Phone Number

+0989 7876 9865 9

+(090) 8765 86543 85

Email Address

info@example.com

example.mail@hum.com

City Education Health Lifestyle

युवाचार्य भगवान के सानिध्य में ज्ञान की बरसात गुरु आनंद एवं गुरु सौभाग्य का हुआ गुणगान

साधना के बिना संयम सफल नहीं होता.. युवााचार्य महेंद्र ऋषि महाराज

एम्सकेएम में आनंद ऋषि व सौभाग्यमल म.सा. का हुआ गुणगान

29 जुलाई चेन्नई।साधना के बिना संयम सफल नहीं होता।संयम विचारधारा हो सकती है जिसमें स्वाध्याय का आलंबन हो।सोमवार को एम.के.एम.जैन मेमोरियल सेंटर में विशाल धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें श्रमण संघीय छात्र महर्षि ऋषि महाराज ने ‘ सौभाग्य से आनंद मिले’ शीर्षक पर उपदेश देते हुए कहा गया कि युद्ध की प्रेरणा, युद्ध का संकेत, निर्देश पर आचारांग सूत्र में शास्त्रकारों ने बताया कि यह अवसर है, युद्ध करो। लेकिन यह युद्ध हर नहीं किया जा सकता, इसके लिए संकल्प, संकल्प की आवश्यकता रहती है। यह युद्ध स्वयं का स्वयं के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि इंसानों के कत्लेआम, अरमान तीन रहते हैं कि वे उनके भी नहीं हैं। वे उसके आगे के लिए तो हाथ मलते रह जाते हैं।

आनंद ऋषिजी के महोत्सव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बालक नेमीचंद को माता हुलसाबाई से रत्न ऋषि महाराज के दर्शन के लिए निवेदन किया था। 13 वर्ष की अल्पायु में बालक नेमीचंद मुनि आनंद ऋषि बन गए। युवाआचार्य ने कहा कि दीक्षा शक्ति का रूपांतरण होता है। यह बड़ी पारंपरिक साधना विधि है जो शक्ति का रूपांतरण करती है। रत्न ऋषि महाराज के पास साधना और ज्ञान का बल था। उन्होंने कहा कि साधना के बिना संयम सफल नहीं होता। संयमित विचारधारा हो सकती है जिसमें स्वाध्याय का आलंबन हो। आगम की शिक्षा गुरु की साक्षी में लेनी चाहिए। उस सेल साल के संत ने कई संतों के साथ अध्ययन, स्वाध्याय किया। उन्होंने कहा कि यदि ज्ञानार्जन करना है तो थोड़ा बहुत सहन करना चाहिए। मालव केसरी सौभाग्यमल जी महाराज के मित्र पर गुणानुवाद करते हुए युवा श्री ने कहा कि सौभाग्यमलजी महाराज के आग्रह पर आनंद ऋषिजी ने आचार्य पद स्वीकार किया। सौभाग्यमलजी महाराज ने श्रमण संघ की एकता के लिए तन-मन सदैव तैयार रखा। आज हम आचार्य आनंद ऋषिजी का गुणगान कर रहे हैं, उनके साथ सौभाग्यशाली महाराज की भी स्मृति है। हम सभी पर उनके अनेक उपकार हैं। आगामी 18 अगस्त को लघु आत्मध्यान साधना शिविर एएमकेएम मे युवाचार्यश्री ओर अनाथालय के सानिध्य मे आयोजित किया गया है। महासती अणिमाश्री ने आनंद कृतज्ञता के रूप में मधुर स्तवन प्रस्तुत किया। विश्वविद्याल मंत्री धर्मीचंद सिंघवी ने बताया कि मंगलवार को श्राविका मरहम का आयोजन होगा। इस दौरान सूरत से पधारी वीतराग आराधना निशा जैन ने धर्म सभा में अतिथि शिष्य को विशेष आत्म ध्यान साधना का प्रयोग कराया। उनके साथ सूरत से तुलसी भाई चपलोत परिवार सहित और चालीसगांव से कई युवा युवाचार्यश्री के दर्शनार्थ शामिल हुए, जिनमें सभी समर्थकों के आशिकों के अध्यक्ष सुरेशचंद लुनावत,महामंत्री धर्मीचंद सिंघवी, स्वागत अध्यक्ष सज्जनराज तातेड़ा, प्रतिष्ठित महावीर चंद कोठारी महावीर गादिया और महिला मंडल के समर्थकों ने भाग लिया। स्वागत।धर्मसभा का संचालन कमल छलाणी ने किया।

उक्त जानकारी प्रवक्ता सुनील चपलोत

Share