आमेट के जैन स्थानक मे जैन साध्वी डॉ चन्द्र प्रभा ने कहा
जैसा होगा मित्र, वैसा बनेगा चरित्र
एक अच्छा और सच्चा मित्र हीरे के समान होता है जो जीवन को सजा- संवार देता है। गलत मित्र कोयले समान होता है। जलता कोयला उठाने पर हाथ जलेगा तो बुझा हुआ उठाने पर हाथ में कालिख लग जाएगा।जीवन में मित्र का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। हर बात माता-पिता या बच्चों से नहीं कह सकते लेकिन मित्र से हर प्रकार की बात कही जा सकती है।
उन्होंने कहा कि आज के युग में अच्छे दोस्त बड़े नसीब से मिलते हैं। अच्छे मित्र की पहचान है जो मित्र की बुराइयों व व्यसनों को जीवन से दूर करे। दुख-सुख में मित्र का पूरा साथ दे। पीठ पीछे भी मित्र की तारीफ करे और मित्र को सद्गुणों से जोडें
साध्वी विनीत प्रज्ञा ने कहा
संसार में धर्म ही मनुष्य का एकमात्र सच्चा मित्र है। सांसारिक सगे-संबंधी तो सिर्फ सुख के समय ही मनुष्य का साथ देते हैं, परंतु धर्म विपत्ति के समय भी साथ रहता है।धर्म के प्रभाव के कारण ही मनुष्य अच्छा सोचता है और उत्तम कर्म करता है। बुरी सोच और बुरे कार्यों करने वालों का कोई धर्म नहीं होता। संसार में धर्म के माध्यम से ही पुण्य कार्यों में वृद्धि और पाप कर्मों की हानि होती है। धर्म ही दुखों को सहने की शक्ति देता है। धर्म से विमुख व्यक्ति दुखों को नहीं सह पाता और दुख के कारण तनाव, दवाब, हृदयाघात, पक्षाघात आदि का शिकार बन जाता है और कभी-कभी तो दुख सहन न करने के कारण उसकी मृत्यु तक हो जाती है।
साध्वी आनन्द प्रभा
अपने शिष्य को ईश्वर का नाम दान देता है वो गुरु तो ईश्वर का रूप ही होता है। अगर शिष्य ने गुरु से ज्ञान लेना है तो उनकी दी गई शिक्षा को सच्चे हृदय से ग्रहण करे। सच्चे गुरु की पहचान कैसे करनी चाहिए जिसमें शिष्य को ज्ञान देने की क्षमता हो। ऐसे में ज्ञान प्राप्त गुरु की इससे भी पहचान होती है, जो गुरु सदैव अपने शिष्य को योग्यता अनुसार ज्ञान दे!!
आसिंद से भी श्री संघ ने पधाकर इस कार्यक्रम में भाग लिया
देवगढ़ भीम करेड़ा से कन्यालाल जी मंडोत मनोज जी मंडोत अपने सह परिवार के साथ इस धर्म सभा में पधारे इन सभी का श्री संघ आमेट ने शलमाला से स्वागत अभिनंदन किया एवं कल 5 तारीख को जैन स्थानक में आचार्य सम्राट परम पूज्य गुरुदेव श्री आनंद ऋषि जी महाराज साहब के 124 जन्मदिवस आयंबील दया एकसना रूप में मनाया जाएगा आप सभी ज्यादा से ज्यादा जप और त्याग में भाग ले