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जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग में चातुर्मास प्रारंभ साध्वी सु मंगलप्रभा जी का चार माह सानिध्य मिलेगा, आज गुरु पुर्णिमा का आयोजन होगा - Jinshashansandesh
December 23, 2024

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जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग में चातुर्मास प्रारंभ साध्वी सु मंगलप्रभा जी का चार माह सानिध्य मिलेगा, आज गुरु पुर्णिमा का आयोजन होगा

धर्म का उदघोष करने की बेला हैं चातुर्मास
धर्म जागरण का महापर्व है चातुर्मास जीवन को श्रेष्ठ बनाने करने का अवसर है चातुर्मास जीवन निर्माण का शुभ अवसर है चातुर्मास अनुभवों का उपहार देता हे यह चातुर्मास अज्ञान से ज्ञान की ओर जाने का मार्ग हे चातुर्मास उक्त उद्बोधन चातुर्मास प्रारंभ होने की पावन बेला पर जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब में महासती डॉ सुमंगल प्रभा ने व्यक्त किए
आज ठीक 8:45 बजे आनंद मधुकर रतन भवन में धर्म सभा प्रारंभ हुई स सभा का प्रारंभ जयमल जी महाराज की स्तुति के साथ प्रारंभ हुआ आज पाट पर म् महा सती डॉक्टर सुमंगल प्रभा जी साध्वी डॉ सुवृद्धि श्री जी साध्वी रजत प्रभा श्री जी प्रांजल श्री जी एवं साध्वी वंदना श्रीजी विराजमान थे


साध्वी सुमंगल चौहान धर्म सभा को संबोधित करते हुए आगे कहा जीवन के खेत में वर्षावास के दौरान अगर आपने सब गुरुवाणी नहीं सोले और उसे अपने जीवन में नहीं होता तो हमारा जीवन अनाथ हो जाएगा जीवन को पुष्पित और पल्लवी करनी के लिए चातुर्मास आया है चातुर्मास कराने की उपयोगिता तभी है जब हम उनसे सुनी वाणी को अपने जीवन में उतारने का पवित्र पुरुषार्थ करें चातुर्मास को जागरुकता के साथ जन जागरण फैलाते हुए हमारे अंदर हाथ मुझे इतना आएगी तभी यह हमारा चातुर्मास सफल हो पाएगा साध्वी भगवंत ने आगे कहां श्रावक चार प्रकार के होते हैं श्रावक को माता-पिता की उपाधि दी गई है अगर कोई साधु साध्वी समुदाय के द्वारा की गई गलतियों को सुधारने के लिए जैन आगम में श्रावकों को अम्मा पियरो की उपमा से अलंकृत किया गया है


उसी तरह श्रावक भाई के समान होता है श्रावक को मित्र की उपमा से भी नवाजा गया है और श्रावक कांटे के समान जी होता है जो हमेशा चुभने पर दर्द देता है किसी की गलती देखकर निंदा करना चुगली करनाओर जो निंदा का आनंद लेने में अपना समय व्यतीत करता हे वह कर्म का भागीदार बनते जाता

साधू जी ने आगे कहा करो ना से हम बहुत डरे हैं अब हमें अपने कर्मों से डरना है हमने बहुत पड़ा हमें आगम पढ़ना है समाचार हमने बहुत सुना अब समाचारी को जीवन में उतारना है
धर्म सभा को डॉक्टर सो सुवृद्धि श्री जी एवं प्रांजल श्री जी ने भी धर्म सभा को संबोधित किया

एक पत्र गुरु के नाम प्रतियोगिता
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गुरु पुर्णिमा के पावन अवसर पर कल एक पत्र गुरु के नाम प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है 200 शब्दों में अपने भाव गुरु के संदर्भ में लिखकर जमा करना है आने वाले रविवार को इस प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किए जाएंगे

 

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