छोटे-छोटे नियमों को दैनिक दिनचर्या में शामिल कर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई
बोली लगाकर संस्कार देने हेतु राशि संग्रहित की गई
रिपोर्ट : नवीन संचेती
दुर्ग कृष्ण जन्माष्टमी का महा पर्व हर्ष और उल्लास के वातावरण में जय आनंद मधुकर रतन भवन बांदा तालाब दुर्ग में छोटे-छोटे बच्चों की शानदार प्रस्तुति के साथ मनाया गया बच्चियों राधा के रूप में तो बच्चे कृष्ण के रूप में जय आनंद मधुकर रतन भवन में सजधज कर आए थे
छोटे-छोटे बच्चों ने मार्मिक संदेशों के साथ अपनी शानदार प्रस्तुति दी
पारसमल संचेती एवं निर्मल बाफना ने लिया लाभ तप की हांडी का
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एक अनोखी बात इस आयोजन में रही भवन परिसर में एक हांडी लटकाई गई थी जिसके अंदर छोटे-छोटे व्रत एवं संकल्प लिखे गए थे यह संकल्प दैनिक दिनचर्या में सभी को पालन करने हेतु प्रण दिलाया गया जिससे हमारे अंदर दान धर्म करने की भावना लगातार जागृत रहे
तप की हांडी निकालने के लिए धर्म सभा में धर्म सभा में बोली लगाई गई बोली 5100 से प्रारंभ होकर 56000 में समाप्त हुई इस बोली का लाभ श्री पारसमल जी संचेती एवं निर्मल जी बाफना परिवार ने लिया यह राशि बच्चों के धार्मिक संस्कार हेतु जय आनंद मधुकर रतन पाठशाला में बच्चों के हितार्थ खर्च की जाएगी
आने वाली चौबीसी में भगवान श्री कृष्णा तीर्थंकर के रूप में पूजे जाएंगे
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जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग की धर्म सभा को साध्वी सु मंगल प्रभा, साध्वी सुविद्धि श्री जी साध्वी रजत प्रभा जी ने संबोधित किया भगवान श्री कृष्ण के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए अनेक रोचक जानकारी धर्म सभा में दी गई साध्वी श्री ने कहा आने वाले भव में 24 तीर्थंकरों में श्री कृष्ण भी हमारे तीर्थंकर के रूप में पूजे जाएंगे