जिंदगी छोड़ने से पहले दूर कर ले मन के वैर-विरोध, हाथ जोड़ बोले आईएम सॉरी-समकितमुनिजी
जिंदगी छोड़ने से पहले दूर कर ले मन के वैर-विरोध, हाथ जोड़ बोले आईएम सॉरी-समकितमुनिजी
अनादिकाल की यात्रा में जिन जीवों की हुई विराधना उनसे आईएम सॉरी बोल की आत्मालोचना
ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के तत्वावधान में आईएम सॉरी विषय पर दो दिवसीय विशेष प्रवचनमाला
हैदराबाद, 4 अगस्त। बहुत बार जो दर्द शत्रु भी नहीं देते वैसा दर्द अपने दे जाते है। गलती महसूस दोनों तरफ हो जाती पर क्रोधी, अभिमानी होने से हम सोचते है पहले माफी हम क्यों मांगे गलती तो उसकी है। जिंदगी छोड़ने से पहले वैर-विरोध दूर कर ले। हमारे हाथ जोड़ आईएम सॉरी कहने से अपनापन व प्रेम का वातावरण बनता है तो ये बोलना घाटे का सौदा नहीं हो सकता। जीवन में दान करना है तो अभिमान का करो रिश्तों को जीवनदान मिलेगा। ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार राजर्षि भीष्म पितामह पूज्य सुमतिप्रकाशजी म.सा. के ़सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि पूज्य डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने ग्रेटर हैदराबाद संघ (काचीगुड़ा) के तत्वावधान में श्री पूनमचंद गांधी जैन स्थानक में रविवार को अनंतकाल के पापों का प्रक्षालन करने के लिए ‘आईएम सॉरी’(खामेमी सव्वे जीवा) विषय पर दो दिवसीय विशेष प्रवचनमाला के दूसरे दिन इस मंत्र की साधना श्रावक-श्राविकाओं को कराते हुए व्यक्त किए। इस दौरान कई श्रावक-श्राविकाएं अपने आगे आई एम सॉरी की पट्टी लगाकर बैठे थे। मुनिश्री ने करीब आधे घंटे तक साधना कराते हुए कहा कि जिनेश्वरदेव के चरणों में प्रार्थना करे कि अनादिकाल के सफर में जिन-जिन जीवों का मैं अपराधी हूं उन सभी को आईएम सॉरी कहने के लिए तत्पर हूं। ऐसी अनुभूति करे कि जिनसे हमारा वैर-विरोध है उन्हें अपने गले लगा प्रेम भरी शुरूआत कर रहे है। जिनके साथ मन मुटाव व कलह है उन्हें अपने आभामण्डल में लाना है ओर कहना है मेरी तरफ से सभी वैरभाव खत्म करता हूं। ऐसा करते ही सारी दुर्भावना व तनाव खत्म हो जाएगा। इस प्रक्रिया को निरन्तर एक सप्ताह दोहराए चमत्कार महसूस होगा। आंखे बंद कर पांच बार सृष्टि क अनंत जीवों को मन ही मन आईएम सॉरी बोले ऐसा लगेगा जो बोझ दिल पर लेकर घूम रहे थे वह हट गया है। मुनिश्री ने कहा कि आईएम सॉरी शब्द में ऐसी शक्ति है जो दुश्मन को भी प्रेमी बना सकता है ओर आपके कर्मो की सफाई करते हुए दुर्गति का बंध नहीं होने देता है। आज अनादिकाल की यात्रा में हुई विराधना का आत्मोलचना करने के बाद जिन अपनों से बोलचाल बंद है उन्हें फोन या वीडियो कॉल कर अथवा वीडियो भेज कहे आईएम सॉरी ओर उसका प्रभाव महसूस करेे।
आंधिया ऐसी चल रही आज हर रिश्ता खतरे में
प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी ने रिश्तों के मध्य आईएम सॉरी शब्द का महत्व समझाते हुए कहा कि आजकल आंधिया ऐसी चल रही है कि हर रिश्ता खतरे में है ओर एक शहर में रहते हुए एक-दूसरे का चेहरा देखना पसंद नहीं करते पर यह शब्द दिलों की दरार समाप्त कर टूटे हुए रिश्ते फिर से जोड़ सकता है। झूठी कसमे खाने से कोई नहीं मरता पर भरोसा जरूर खत्म हो जाता है। नियत साफ नहीं होने पर पैसा रिश्तो में दरार डाल देता है। पैसा जेब तक रहे तो ठीक है पर वह दिमाग तक पहुंच जाता है तो गड़बड़ी शुरू हो जाती है। प्रवचन के शुरू में गायनकुशल जयवन्त मुनिजी म.सा. ने भजन ‘‘जिनवाणी सुनकर अर्न्तमन को खोलना’’ की प्रस्तुति दी। प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का सानिध्य भी रहा। धर्मसभा में चैन्नई से खजवाना जैन संघ ओर बेेंगलूरू शिवाजीनगर से नवयुवति (श्राविका) मण्डल धर्मसभा का संचालन ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के महामंत्री सज्जनराज गांधी ने किया। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन प्रवचन सुबह 8.40 से 9.40 बजे तक हो रहा है। प्रतिदिन रात 8 से 9 बजे तक चौमुखी जाप का आयोजन भी किया जा रहा है।
*तपस्याओं का लगा ठाठ, पांच श्राविकाओं ने लिए अठाई के प्रत्याख्यान*
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा की प्रेरणा से चातुर्मास में तप-त्याग की अविरल धारा प्रवाहित होते हुए तपस्याओं का ठाठ लगा हुआ है। पुण्यकलश आराधना करने आई पूना की पांच श्राविकाओं हेमलता चौरड़िया, निर्मला अपड़, सुरेखा चौरड़िया, शोभाबाई मंडलेचा, निर्मला ओस्तवाल ने रविवार को अठाई तप के प्रत्याख्यान लिए तो उनकी अनुमोदना में प्रवचन हॉल हर्ष-हर्ष, जय-जय से गूंजायमान हो गया। समकितमुनिजी म.सा. ने सभी तपस्वियों के लिए मंगलभावना व्यक्त की। पूना की श्राविका शांताबाई फूलफगर ने 6 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। कई श्रावक-श्राविकाओं ने बेला, उपवास, आयम्बिल,एकासन आदि तप के प्रत्याख्यान भी लिए। 18 दिवसीय पुण्यकलश आराधना के नवें दिन आराधकों ने बियासना व्रत के प्रत्याख्यान लिए। करीब 180 आराधक यह आराधना कर रहे है। ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के तत्वावधान में 11 अगस्त को पुण्यकलश आराधकों का बग्गी में बिठा वरघोड़ा निकालने के साथ तप अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित होगा।
चैन्नई के खजवाना जैन संघ ने लिया चन्द्रकला तप का लाभ
अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित चन्द्रकला द्रव्य मर्यादा तप के लाभार्थी चैन्नई का खजवाना जैन संघ होगा। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने बताया कि 13 वर्ष तक के बच्चों के लिए शनिवार से शुरू हो 15 दिवसीय तप आराधना के दूसरे दिन रविवार को 14 द्रव्य मर्यादा रहेगी। इस तपोत्सव के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से 464 बच्चों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है। प्रतिदिन एक-एक द्रव्य मात्रा कम होते हुए अंतिम दिवस 17 अगस्त को मात्र एक द्रव्य का ही उपयोग करना होगा।